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डीबीएस बैंक इंडिया की इंदौर में पहली शाखा की शुरुआत
डीबीएस के भारतमें पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बनने के बाद यह पहलाविस्तार
25 शहरों में 100 से अधिक फिजिकल टचपॉइंट स्थापित करने का लक्ष्य
इंदौर. डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (डीबीआईएल) ने आज इंदौर में अपनी पहली शाखा शुरू की। यशवंत निवास रोड पर स्थित यह शाखा बड़े, मध्यम और छोटे व्यवसायों के साथ-साथ रिटेल ग्राहकों की बढ़ती बैंकिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए विविध वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की एक व्यापक शृंखला उपलब्ध कराएगी।
डीबीएस ग्रुप (सिंगापुर) की एक शाखा के रूप में पिछले 25 वर्षों से बैंक की भारत में मौजूदगी है और 1 मार्च, 2019 की स्थिति के अनुसार यह स्थानीय रूप से निगमित पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी – डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड में परिवर्तित हो गई है। अगले 12-18 महीनों में बैंक 25 शहरों में 100 से अधिक कस्टमर टच प्वाइंट स्थापित करने का लक्ष्य लिए हुए है जो शाखाओं और कियोस्क का एक संयोजनहोगा।
डीबीआईएल इंदौर सहित मुंबई, गुरुग्राम, नोएडा, अहमदाबाद, हैदराबाद, कोयंबटूर, वडोदरा और लुधियाना में नौ नई शाखाएं खोल रहा है। यह बैंकिंग सुविधाआंे से वंचित ग्रामीण केंद्रों में भी पांच शाखाएं खोलेगा। वर्तमान में 12 शहरों में बैंक की शाखाएं संचालित हैंः दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, पुणे, नासिक, सूरत, कोल्हापुर, सलेम, कुड्डालोरऔरमुरादाबाद।
डीबीआईएल अपनी विकास योजनाओं में तेजी लाते हुए अपने कामकाज का विस्तार करेगी और बड़े कॉर्पोरेट्स, छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) और व्यक्तिगत ग्राहकों को सेवाएं देने के लिए ’फिजिटल’ मॉडल के साथ आगे बढ़ेगी।
शाखा के शुभारंभ पर टिप्पणी करते हुए, डीबीएस बैंक इंडिया के सीईओ सुरोजीत शोम ने कहा, ’यह डीबीएस इंडिया के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह भारत में अपने योगदान को विकसित करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को हमें एक स्थायी तौर पर गहरा करने में सक्षम बना रहा है। पिछले कुछ वर्षों में हमने बैंकिंग को फिर से संगठित करने और व्यक्तियों के साथ-साथ व्यावसायिक ग्राहकों के लिए नवीन बैंकिंग समाधान प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी की ताकत का इस्तेमाल किया है। डीबीआईएल के लॉन्च से हमें अपने ग्राहकों के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने और विभिन्न ऑफर पेश करने में मदद मिलेगी क्योंकि प्रौद्योगिकी और उपभोक्ता वरीयताओं में बदलाव के साथ वित्तीय सेवाएं भी तेजी से बदल रही हैं।’
डीबीएस, जिसे 2018 में ’बेस्ट बैंक इन द वर्ल्ड’ नामित किया गया था, बैंकिंग के भविष्य को आकार देने के अपने सफर पर बहुत अच्छी तरह चल रही है। लगभग दो साल पहले डीबीएस की ओर से डिजीबैंक के शुभारंभ के बाद से, बैंक ने भारत में 2.5 मिलियन से अधिक डिजीबैंक ग्राहकों को पाया है। बचत खातों के अलावा, डिजीबैंक अनसिक्योर लोन भी देती है और कई फंड हाउसों से म्यूचुअल फंड निवेश के लिए पेपरलेस ऑनबोर्डिंग की पेशकश करने वाली पहली बैंक है।
डीबीएस इंडिया एक एनालिटिक्स-ड्राइव प्लेटफॉर्म पर कई जीवन बीमा प्रदाताओं में से चुनने की पेशकश करने वाली पहली बैंक भी थी। व्यवसायों के लिए, बैंक ने भारत के प्रमुख लेखांकन और ईआरपी सॉफ्टवेयर प्लेटफार्म के साथ अपने ई-बैंकिंग समाधान को एकीकृत करते हुए, अपनी तरह का पहला बैंकिंग प्लेटफार्म भीलॉन्चकियाथा।
डिजिटलकरण और नवाचार को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत बैंक ने 2016 में सिंगापुर से बाहर हैदराबाद में ’डीबीएस एशिया हब 2’ का अपना सबसे बड़ा प्रौद्योगिकी और परिचालन केंद्र स्थापित किया।